The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी check here वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः